Sukrutham Media विश्वास की विनती हे मेरे ईश्वर, जो कुछ तूने बतलाया और पवित्र कलीसिया विश्वास करने को सिखलाती है, उन सब बातों पर मैं ढृढ़ विश्वास करता हूँ। मैं इस विश्वास में जीना और मरना चाहता हूँ। आमेन। Share this:Click to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window)